गिलोय आयुर्वेद में काफी माना हुआ नाम है , जिसे आमतौर पर एक पौधे के रूप माना जाता है।साथ ही यह पौधा जंगलो ,पहाड़ियों ,तथा झाड़ियों में उगता है। लेकिन लोगो को गिलोय के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है , इसलिए जरुरी है , की गिलोय को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचाए ताकि लोगो को गिलोय के प्रति जागरूक बनाया जा सके।
गिलोय एक तरह की बेल है , जो की एक पौधे के समान दिखती है। कुछ लोग इसे औषधि का नाम भी देते है। ये काफी गुणों से युक्त है , जैसे -: ये शरीर में पाचन तंत्र, पेट ,तथा गैस आदि की बीमारियों को दूर करती है।
प्राचीन काल से ही गिलोय काफी गुणकारी रही है। साथ ही गिलोय बारिश के मौसम में काफी गुणकारी है। ये बारिश के मौसम में बैक्टीरिया ,फाफूदी,तथा किसी प्रकार के वायरस से बचने में सहायक होती है।
गिलोय का सेवन कैसे करें?
वर्तमान समय में काफी लोगो को गिलोय के बेलीफिट्स के बारे में जानकारी है। पर लोगो यह नहीं पता है ,की इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। आमतौर पर इसे तीन प्रकार से लिया जाता है। १ जूस के माध्यम से , २ चूर्ण के रूप में , ३ एक बेल या पते के रूप में ।
किस समय गिलोय का सेवन करें?
रोज सुबहे 4 पत्ते लेने से एक व्यक्ति को कब्ज ,पेट की अन्य समस्याओ से निजाद मिलती है , साथ ही रोज इन पत्तों के प्रयोग से बीपी , शुगर, तथा चिकेनगुनिया जैसी गभीर बीमारिया भी सही हो जाती है ।अत कह जा सकता है , की गिलोय एक प्रकार से एक व्यक्ति के शरीर के लिए काफी लाभदायक है ।
गिलोय के औषधीय गुण
- इस औषधि से बुरे से बुरा बुखार भी सही हो जाता है ।
- एक अध्ययन के अनुसार जो भी व्यक्ति गिलोय का प्रयोग करता है। तो वह शारीरिक रूप से फिट रहा है। और स्वस्थ भी ।
- इस औषधी से कफ,जुखाम ,तथा चिकेनगुनिया जैसी बीमारिया भी सही हो जाती है ।
- अगर किसी व्यक्ति को एनीमिया की प्रॉब्लम है , तो उस व्यक्ति को गिलोय की औषधि का प्रयोग करना चाहिए ।
अत: स्पष्ट है , की गिलोय के गुण मुख्य रूप से शरीर के लिए काफी लाभदायक है ।
गिलोय के फायदे
आमतौर पर गिलोय काफी फायदे है। जैसे – यह शरीर में पाचन तंत्र, पेट ,तथा गैस आदि की बीमारियों को दूर करता है। इसी तरह आगे जाने गिलोय के फायदे।
1. डायबिटीज
कुछ विद्वानो के अनुसार गिलोय एक प्रकार का पौधा है , जो की शुगर,बीपी आदि को नियंत्रित करता है। साथ ही यह रक्त में सभी तरह की परेशानियों को समाप्त करता है।
2. डेंगू
डेंगू से बचाव के लिए घर के नुस्खे के रूप में गिलोय का प्रयोग किया जाता है। डेंगू हो जाने पर रोगी को काफी ज्यादा बुखार की समस्या हो जाती है। जिसे बचाव के लिए गिलोय का प्रयोग किया जाता है। जो की शरीर को एनर्जी प्रदान करता है।
3. अपच
अगर कोई व्यक्ति पेट से संबधित परेशानियों से ग्रस्त है , तो उसे गिलोय का प्रयोग करना आवश्यक है । तभी वह स्वस्थ रह सकता है।
4. खांसी
अगर किसी व्यक्ति की खांसी सही नहीं हो रही है , तो उस व्यक्ति को गिलोय का प्रयोग करना चाहिए।इसमें शामिल एंटीएलर्जिक होने से खांसी में आराम होता है ।
5. बुखार
अगर कोई व्यक्ति बुखार में है ,तो उसे गिलोय का प्रयोग करना चाहिए। क्योकि इस गिलोय से बुरे से बुरे बुखार भी सही हो जाता है। साथ ही इसके प्रयोग से काफी बीमारिया समाप्त हो जाती है जैसे – चिकेनगुनिया , पेट से सम्बंधित परेशानिया शामिल है ,तथा मलेरिया आदि की समस्या समाप्त हो जाती है।
6. पीलिया
अगर किसी व्यक्ति को पीलिया की शिकायत है , तो उस व्यक्ति को गिलोय का प्रयोग करना चाहिए। क्योकि इससे पीलिया काफी हद तक सही होता है। गिलोय का प्रयोग उसके पतों दवारा पीलिया काफी जल्दी सही होता है , इसलिए जरुरी है , की पीलिया की समस्या के लिए गिलोय का प्रयोग होना अति आवश्यक है ।
7. आँखों की रोशनी बढ़ाये
एक व्यक्ति को गिलोय के प्रयोग से आँखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही उस व्यक्ति को आँखों से संबधित बीमारिया कम होती है ।
गिलोय के नुकसान
अगर हम गिलोय के नुकसान के बारे में बात करे , तो गिलोय के नुकसान बहुत कम है , जैसे – पाचन तंत्र की परेशानी आदि है । आइए जाने गिलोय के नुकसान के बारे में ।
1. पेट की समस्या होने पर
अगर एक व्यक्ति गिलोय का प्रयोग करता है। तो उसे यह ध्यान रखाना चाइए, की उसे पेट की काफी गंभीर समस्या तो नहीं है। अगर है, तो उसे अपच हो सकती है। इसलिए उस व्यक्ति को गिलोय का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
2. ब्लड शुगर का स्तर कम होने पर
अगर कोई एक व्यक्ति गिलोय का प्रयोग करते है , तो उसे यह ध्यान रखने की जरुरत है। ब्लड में शुगर में स्तर कम तो नहीं जा रहा है। अगर है , तो उसे गिलोय का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
3. कब्ज की समस्या
अगर पाचन की दृष्टि से देखे, तो गिलोय काफी सटीक मानी जाती है। पर कुछ मोको पर गिलोय पेट को ख़राब कर सकती है। जैसे -कब्ज की समस्या का होना है ।
4. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
अगर किसी व्यक्ति को गिलोय से नुकसान हो रहा है , तो उस व्यक्ति को ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हो सकता है। जिसमे एक व्यक्ति को हडियो की बीमारी तथा चिचिड़ापन होने की शिकायत हो सकती है ।
6. प्रेग्नेंसी
अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी के दौर में है , तो उसे गिलोय के प्रयोग से बचना चाहिए। क्योकि इसे होने वाले बच्चे पर बहुत बुरा असर पड़ता है । इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान गिलोय का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
7. सर्जरी और ऑपरेशन
अगर किसी व्यक्ति की सर्जरी या ऑपरेशन हुआ हो । तो उस समय गिलोय का प्रयोग नहीं करना चाहिए ,बल्कि उस व्यक्ति को 6 महीने तक गिलोय का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योकि उस व्यक्ति ने सर्जरी कराइ है । इसलिए एक व्यक्ति को सर्जरी या ऑपरेशन के दौरान गिलोय के प्रयोग से बचना चाहिए ।
8. अर्थराइटिस
असर देखा गया है की गियोले से कुछ लोगो को अर्थराइटिस की बीमारी अर्थात हडियो की बीमारी हो सकती है। इसलिए कुछ लोगो को गियोले के प्रयोग से बचना चाहिए ।
निष्कर्ष
अत : उपरोक्त सभी बातो के आधार पर हम यह कह सकते है , की गिलोय एक प्रकार से जीवन कारी औषधि है। किन्तु अगर हम बात करे इसके नुक्सान की तो पता चलता है , इसके नुक्सान ना के बराबर है । लेकिन फिर भी हमने उपरोक्त नुक्सान के बारे बात की है । जैसे – अर्थराइटिस का होना ,कब्ज की समस्या का होना आदि गिलोय के नुक्सान हो सकते है ।